भारत में बिना यात्रा इतिहास वाले शिशुओं में सात मानव मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) के मामले सामने आए हैं, जिससे संभावित प्रकोप को लेकर चिंता बढ़ गई है। मामले कर्नाटक, नागपुर, तमिलनाडु और अहमदाबाद में पाए गए हैं।
मुख्य बातें:
HMPV क्या है?
HMPV एक श्वसन वायरस है, जो फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। इसे 2001 में पहली बार खोजा गया था। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को अधिक प्रभावित करता है।
बच्चे क्यों अधिक संवेदनशील हैं?
1. अपरिपक्व प्रतिरक्षा प्रणाली: बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली अभी विकसित हो रही होती है, जिससे उनके लिए संक्रमण से लड़ना कठिन होता है।
2. निकट संपर्क: बच्चे स्कूल, डेकेयर और खेल के मैदानों में एक-दूसरे के संपर्क में अधिक आते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
3. कम संपर्क: वयस्कों की तुलना में बच्चों ने कम पर्यावरणीय रोगजनकों का सामना किया है।
लक्षण जिन पर ध्यान दें:
खांसी और छींक
सांस लेने में कठिनाई
बुखार और थकान
गंभीर मामलों में घरघराहट
HMPV कैसे फैलता है?
खांसने, छींकने या दूषित सतहों को छूने से।
संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क से संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
माता-पिता के लिए बचाव के उपाय:
1. स्वच्छता: बच्चों को बार-बार हाथ धोने और खांसते या छींकते समय टिशू का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें।
2. पोषण: प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार दें।
3. स्तनपान: शिशुओं को प्राकृतिक प्रतिरक्षा मिलती है।
4. संपर्क से बचाव: बच्चों को बीमार लोगों से दूर रखें।
क्या HMPV खतरनाक है?9
डॉक्टरों का कहना है कि HMPV, COVID-19 की तुलना में कम घातक है। हालांकि, यह उच्च जोखिम वाले लोगों में निमोनिया का कारण बन सकता है, लेकिन ज्यादात
र मामलों में यह हल्के श्वसन संक्रमण का कारण बनता है।
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